हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन को " कंज़ुल उम्माल" नामक पुस्तक से बयान किया गया है।
इस कथन का पाठ इस प्रकार हैंः
قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ و آله و سلم:
ما مِن رَجُلٍ یَغرِسُ غَرساً إلاّ کَتَبَ اللَّهُ لَهُ مِنَ الأجرِ قَدرَ ما یَخرُجُ مِن ثَمَرِ ذلِکَ الغَرسِ
क़ाला रसूलुल्लाहो सल लल्लाहो अलैहे वाआलेहि वसल्लमः
मा मिन रजोलिन यग़रेसो ग़रासन इल्ला कताबल्लाहो लहु मिनल अजरे क़दरा मा यख़रोजो मिन समारे ज़ालेकल ग़रासे
रसूले ख़ुदा (स.अ.व.व.) ने फरमाया:
जो आदमी पौधा लगाए तो अल्लाह तआला उस से प्राप्त होने वाले फल की राशि के बराबर सवाब उनके कर्मों की पुस्तक में लिख दिया जाता है।
कंज़ुलल उम्माल: हदीस नं. 9057